मंगलवार, 31 जनवरी 2012

NRHM:सीबीआई के निशाने पर आर्किटेक्ट, तहकीकात पर भारी एक दरोगा

लखनऊ। प्रदेश में हुए तक़रीबन 5000 हजार करोड़ के NRHM घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई टीम ने जांच की जद में प्रदेश के कई आर्किटेक्ट्स को भी ले लिया है। सीबीआई जहाँ एक ओर इनकी चल-अचल संपत्‍ति की जानकारी इकट्ठा कर रही है वहीँ इनसे संबंधित संपर्क सूत्रों के बारे में भी सूचनायें एकत्र कर रही है।www.legendnews.in
गौरतलब हैं कि ये वही आर्किटेक्ट हैं, जो एनआरएचएम बजट से कागजों पर कार्यान्वित हुई विभिन्न योजनाओं से जुड़े रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को पिछले दिनों पुख्ता जानकारी मिली थी कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के साथ ही जल निगम, सहकारिता विभाग सहित शिक्षा विभाग में आर्किटेक्ट सुधीर सिंह,मृदुल,माधुरी सिकेरा व रंजन शुक्ल ऊँचे पदों पर बैठे अधिकारियों के साथ मिल कर विभागों को करोड़ों का चूना लगवा चुके हैं । इन सभी आर्किटेक्ट ने योजनाओं को 8 से 10 फीसदी कमीशन पर गैर अनुभवी लोगों को बाँट दिया। यही नहीं जो सुबूत मिले हैं उनके आधार पर इन चारों ने स्वयं भी ठेके लिए अन्य की सिफारिश भी की।
सीबीआई से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इन चारों आर्किटेक्ट्स के साथ ही तीन और आर्किटेक्ट जाँच टीम के निशाने पर हैं इनके बारे में पुख्ता सुबूत, गवाह और काली कमाई से जुड़े अन्‍य तथ्य हासिल करने के लिए कई टीमों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इन टीमों से जो जानकारियां मिली हैं उनके मुताबिक अधिकतर आर्किटेक्ट्स के दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद सहित लखनऊ में करोड़ों की नामी व बेनामी संपत्ति है। फ़िलहाल जाँच टीम इन सभी से जल्द ही पूछताछ करने वाली है। सूत्र बताते हैं कि मुमकिन है कि पूछताछ के बाद इनकी गिरफ़्तारी भी हो जाये |
सीबीआई की तहकीकात पर भारी एक दरोगा
इसके साथ ही राज्य के वाराणसी जिले में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दरोगा जाँच में फंसे स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों से ये कह कर पैसा ऐंठ रहा है कि भले ही उन पर कोई भी आरोप हों सीबीआई से हर हाल में वो उनको निर्दोष साबित करवा देगा।
वैसे पुलिस विभाग से जुड़े लोग दबी जुबान में कहते हैं कि इस दरोगा कि पहुँच सीबीआई में बहुत ऊपर तक है वो पहले भी वर्ष 2009 में शहर के आठ निजी अस्पतालों को बुनकर हेल्थ योजना के तहत पांच करोड़ रुपये की धांधली में सीबीआई से ही बचा चुका है।
जानकारी मिली है कि इस योजना के तहत बुनकरों के नि:शुल्क इलाज के लिए द ओरियंटल बीमा कंपनी की ओर से बीमा किया गया था।
बीमा कंपनी की शिकायत पर केंद्र सरकार ने घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। आप को जानकर हैरानी होगी कि उस समय भी जांच के लिए सीबीआई टीम आई थी लेकिन इस दरोगा ने आरोपी अस्पताल संचालकों को फंसने से बचा लिया।
अब एक बार फिर ये दरोगा अपने काम को अंजाम देने के लिए सक्रिय हो गया है कहा तो ये भी जाता है कि इसकी डील कई आरोपियों से हो चुकी है और पेशगी के तौर पर इसको मोटी रकम भी मिल गयी |

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