सोमवार, 26 मार्च 2012

तेजेंदर सिंह ने की थी रिश्वत देने की कोशिश !

रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख के तौर पर काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजेंदर सिंह सेना की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में घूस की पेशकश का आरोप लगाए जाने के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
तेजेंदर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए मुकदमा करने की धमकी दी है। शायद यही वजह है कि सेना प्रमुख ने घूस की पेशकश करने वाले शख्स का नाम सार्वजनिक तौर पर नहीं लिया है।
सेना की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में सेना ने तेजेंदर सिंह पर आरोप लगाया है कि तेजेंदर सिंह ने टेट्रा वेक्ट्रा लिमिटेड की तरफ से घूस की पेशकश की थी। प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया है कि तेजेंदर सिंह आदर्श सोसाइटी में भी फ्लैट बुक करवा चुके हैं। टेट्रा वेक्ट्रा बीईएमएल को गाड़ियां सप्लाई करता है। बीईएमल भारतीय सेना को गाड़ियां (तस्वीर में) मुहैया कराती है।
इससे पहले सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए यह आरोप लगाया था कि सेना के लिए घटिया वाहन खरीदने के लिए एक लॉबिस्‍ट ने उन्‍हें 14 करोड़ रुपये की रिश्‍वत की पेशकश की थी। सेना प्रमुख ने यह भी बताया था कि रिश्‍वत की पेशकश करने वाला यह लॉबिस्ट हाल में ही सेना से रिटायर हुआ है।
 सेना प्रमुख ने इंटरव्यू में कहा था, 'एक शख्स मेरे पास आया और उसने कहा कि अगर आप किसी खास गाड़ी की खरीद की मंजूरी देते हैं तो आपको 14 करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं। ऐसे ही 7,000 वाहन महंगे दामों में खरीदे गए थे, लेकिन इस पर कोई सवाल नहीं पूछा गया। उस शख्स ने कहा कि आपके पहले के लोगों ने भी पैसे लिए थे। मैं इस व्यक्ति की जुर्रत देखकर दंग रहा गया। मैंने उस शख्‍स को तुरंत अपने दफ्तर से बाहर जाने को कहा।'
सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के दावे के बाद सरकार ने 'घूसकांड' की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, इसी बीच रिटार्यड लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सेनाध्यक्ष को किसी तरह का कोई ऑफर नहीं किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंद्र सिंह वहीं शख्स हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वह जनरल वीके सिंह के ऑफिस में गए थे और घूस का ऑफर किया था। अपने ऊपर लग रहे आरोंपों को नकारते हुए लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंद्र सिंह ने कहा कि मैं नहीं समझता कि जनरल वीके सिंह ने मेरे बारे में ऐसा कुछ कह रहे हैं।
तेजेंद्र सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के ओहदे से रिटायर हैं और वह रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि सेना ने पांच मार्च के प्रेस रिलीज में यह कह दिया था कि सेनाध्यक्ष को जिसने घूस देने का ऑफर किया था वह लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंद्र सिंह था, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने इस मामले की जांच कराने की जहमत नहीं की।

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