सोमवार, 31 दिसंबर 2012

अब ताज़ा सितम ईजाद ना कर, यूँ ज़ुल्म ना कर..

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
31 दिसंबर, साल का आखिरी दिन। देश को मिली स्‍वतंत्रता का वो एक और साल जो इतिहास के पन्‍ने तो जरूर काले कर गया पर ऐसा कुछ नहीं कर पाया जिससे देश तथा देशवासी गौरव महसूस करें।
साल 2012 यूं तो तमाम घटनाक्रमों के लिए याद किया जायेगा लेकिन सबसे अधिक याद रहेगा उन धरने व प्रदर्शनों के लिए जिसकी दरकार लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
चाहे बात महंगाई व भ्रष्‍टाचार की हो या फिर कानून-व्‍यवस्‍था की लाचारी से उपजे हालातों की, आमजन ने विशिष्‍टजनों को यह अहसास करा दिया कि अब और नहीं।
यह बात अलग है कि सत्‍ता के मद में चूर और अपनी-अपनी मांदों के अंदर से सशस्‍त्र बलों के बूते देश तथा देशवासियों को 'चला' रहे नेतागण अब भी सच्‍चाई समझने की कोशिश नहीं कर रहे।
वह नहीं समझ रहे कि 65 सालों की स्‍वतंत्रता ठीक उसी तरह चुक चुकी है जिस तरह वह खुद चुक गये हैं। 65 सालों का धैर्य अब जवाब देने लगा है क्‍योंकि किसी भी स्‍तर से उम्‍मीद की कोई किरण कहीं दिखाई नहीं दे रही।

रविवार, 30 दिसंबर 2012

अजगरों को दूध पिला रहे हैं हम

देश के वर्तमान हालातों पर कटाक्ष करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था काले अजगर की तरह है और हम इसे दूध पिला रहे हैं।
श्री सद्‍गुरु धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनरल सिंह ने कहा कि हमारा देश युवा है। युवाओं की आबादी 71 फीसदी के लगभग है। जिस तरह पतझड़ के बाद वसंत आता है और पेड़ों पर नई कोंपले फूटती हैं, उसी तरह जब तक युवा आगे नहीं आयेंगे, पुराने लोग नहीं जायेंगे। अत: युवा आगे बढ़कर देश के लिए काम करें।
उन्होंने सवाल किया कि कहीं हम डॉ. अंबेडकर और अन्य शीर्ष नेताओं द्वारा बताए गए मार्ग से भटक तो नहीं गए? उन्होंने कहा कि अब प्रजातंत्र संविधान से हटकर दिखाई दे रहा है। संविधान 'बी द पीपल' के लिए बना था, लेकिन अब संविधान का 'बी द पीपल' खो गया है। उसे वापस लाना होगा।

बुधवार, 26 दिसंबर 2012

वाह समाजवाद: यूपी के 46 में से 36 मंत्री करोड़पति

यूपी में राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण की अनुयायी सपा की सरकार है। पर क्या आपको पता है कि समाजवाद और गरीबों के प्रति समर्पित इस सरकार में करोड़पति मंत्रियों की संख्‍या कितनी है।
आपको शायद यह जानकर झटका सा लगे कि यूपी की अखिलेश यादव सरकार में 78 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं। इनमें खुद युवा सीएम अखिलेश भी शामिल हैं।
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा संकलित एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी सरकार के 46 में 36 मंत्री करोड़पति हैं।
मंत्रियों द्वारा अपनी आय और संपत्ति सम्बन्धी दिये गये शपथ पत्रों के आधार पर ही यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

शनिवार, 22 दिसंबर 2012

लफंगे परिंदों से मथुरा के समाजवादी भी परेशान

हालात का अंदाज मथुरा में आयेदिन घटने वाली उन घटनाओं से लगाया जा सकता है जब किसी बड़े नेता या मंत्री के यहां आगमन पर 'लफंगों का तो वर्चस्‍व' कायम रहता है और 'निष्‍ठावान समाजवादी' उनके दीदार तक करने को तरस जाते हैं।
(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
अगस्‍त 2010 में एक हिंदी फिल्‍म रिलीज हुई थी, इस फिल्‍म का नाम था- 'लफंगे परिंदे'। यह फिल्‍म यशराज बैनर की थी और इसका समाजवादी पार्टी से दूर-दूर तक कोई ताल्‍लुक नहीं था। लेकिन ठीक सवा दो साल बाद इस फिल्‍म के 'टाइटिल' ने 'समाजवादी पार्टी' में एक किस्‍म का 'हंगामा' खड़ा कर दिया है।

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

पुलिस ही बेचती है नक्सलियों को हथियार

नक्सली आंदोलन पर लिखी गई एक किताब में एक नक्सली नेता के बयान से दावा किया गया है कि पुलिस वाले न सिर्फ नक्सलियों को हथियार बेचते हैं बल्कि गोला बारूद तक देते हैं.
पेंगुइन प्रकाशन से हिन्दी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित किताब ‘उसका नाम वासु नहीं’ में वरिष्ठ पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी ने नक्सलियों के सांगठनिक ढाँचे और उसकी आर्थिक-सामरिक व्यवस्था के बारे में भी विस्तार पूर्वक लिखा है.
इस किताब में लिखा गया है कि किस तरह से नक्सलियों के ख़िलाफ़ चलाए गए कथित जन आंदोलन सलवा जुड़ूम की योजना लालकृष्ण आडवाणी के गृहमंत्री रहते हुए दिल्ली में बनी थी.
इसमें नक्सली नेताओं के हवाले से कहा गया है कि देशद्रोह का मुक़द्दमा झेल रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता विनायक सेन नक्सलियों के संदेशवाहक थे.
इस किताब का आज दिल्ली में विमोचन होने जा रहा है.

सोमवार, 17 दिसंबर 2012

जयगुरुदेव के करोड़ों रु. मथुरा के बिल्‍डर्स पर

बाबा के परलोक सिधारने के बाद उनके गरीब-गुरबा भक्‍तों के लिए ''जय गुरुदेव नाम परमात्‍मा का'' है या नहीं, यह बता पाना तो आसान नहीं है पर इसमें कोई दो राय नहीं कि बाबा के करोड़ों रुपये डकार जाने का मन बना चुके बहुत से लोग अब बाबा के नाम की माला जरूर जप रहे होंगे क्‍योंकि उनके लिए अवश्‍य ही ''जय गुरुदेव नाम परमात्‍मा का'' ही साबित हो रहा है।     
(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
खुद को परमात्‍मा प्रचारित करके अपने अनुयायियों को सतयुग आने का सब्‍जबाग दिखाते-दिखाते बाबा जय गुरुदेव तो काल के गाल में समा गये लेकिन अब उनकी अकूत संपत्‍ति पर कब्‍जे को लेकर तथाकथित शिष्‍यों के बीच उपजा विवाद तमाम दूसरे लोगों को भारी लाभ पहुंचा रहा है।

शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

देश के खिलाफ जहर उगल रहे चैनलों पर रोक की तैयारी

केन्द्र सरकार ने भारत में अवैध रूप से दिखाए जा रहे विदेशी चैनलों का प्रसारण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार का मानना है कि इन चैनलों में दिखाए जा रहे प्रोग्राम न सिर्फ भारत की छवि खराब कर रहे हैं बल्कि सांप्रदायिकता भी बढ़ा रहे हैं। इसमें मुस्लिम उपदेशक जाकिर नायक का पीस टीवी और पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाला QTV भी शामिल है। भारत में इन चैनलों को दिखाने पर पहले से ही रोक लगी हुई है लेकिन फिर भी अवैध तरीके से इन्हें देखा जा रहा है।
इंग्लिश अखबार मेल टुडे के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने ऐसे 24 चैनलों की लिस्ट बनाई है, जिन्हें भारत के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

रविवार, 2 दिसंबर 2012

प्रभुपाद का ''इस्‍कॉन'' भी विवादों में

एक भक्‍त ने लगाये अप्राकृतिक यौनाचार के गंभीर आरोप तो दूसरा कर रहा है प्रबंधतंत्र के खिलाफ आमरण अनशन
(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
विश्‍व में 300 से अधिक भव्य व समृद्ध मंदिरों, गुरुकुल, कृषि क्षेत्र व विशेष योजनाओं को संचालित करने वाली संस्‍था इस्कॉन के अंदर आज जो कुछ हो रहा है, वह करोड़ों की संख्‍या में फैले स्‍वामी प्रभुपाद के अनुयायियों के लिए तो कष्‍टप्रद है ही, उन लोगों के लिए भी तकलीफदेह है जो भक्‍तिभाव के कारण स्‍वामी प्रभुपाद व इस्कॉन में आस्‍था रखते हैं।
गौड़ीय वैष्णव धर्म का दुनियाभर में प्रसार करने के उद्देश्‍य से इण्टरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस यानी इस्कॉन (ISKCON) की नींव रखने वाले कोलकाता निवासी स्वामी प्रभुपाद ने स्‍वप्‍न में भी नहीं सोचा होगा कि कभी उनके अनुयायी व्‍यवस्‍थापक ही  इस्कॉन को न सिर्फ पापाचार का केन्‍द्र बल्‍कि यौनाचार का भी अड्डा बना देंगे।

यूपी: सरकार को लगा 30 हजार करोड़ का चूना

इलाहाबाद। बारा और करछना स्थित पॉवर प्रोजेक्ट प्लांट को मंजूरी देने में करीब 30 हजार करोड़ रुपए के घपले का आरोप लगा है। इसे लेकर बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। याचिका में पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।
बारा के अनवारुल हक की याचिका पर सुनवाई कर रही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति संजय मिश्र की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

पांच वर्ष में राजनीतिक दलों ने कमाये 2,490 करोड़

पिछले पांच वर्ष में देश के 10 प्रमुख राजनीतिक दलों की कर मुक्त आय करीब 2,490 करोड़ रुपए दर्ज की गई है। इस अवधि में कांग्रेस की कर मुक्त आय भाजपा से दोगुनी रही। 2007-08 से 2011-12 के दौरान कांग्रेस की कर मुक्त आय 1385.36 करोड़ रुपए रही जबकि भाजपा की कर मुक्त आय 682 करोड़ रुपए दर्ज की गई।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत आय कर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 2009-10 में अपूर्ण आयकर रिटर्न भरा और 2010.11 में बसपा की कर मुक्त आय शून्य रही। इस तरह तीन वर्ष (2007-08, 2008-09 और 2011-12) में पार्टी की कर मुक्त आय 147.18 करोड़ रुपए दर्ज की गई।

300 करोड़ खर्च, फिर भी यमुना मैली

सरकार ने कहा है कि यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पिछले चार साल में करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने बताया कि सरकार ने यमुना कार्य योजना के तहत इस नदी के संरक्षण के लिए 2009-10 में 105 करोड़ रुपये जारी किए थे, जबकि 2010-11 में 111.49 करोड़ रुपये और 2011-12 में 47.06 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 40.42 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

शनिवार, 17 नवंबर 2012

ये हैं दुनिया के 'सबसे गरीब' राष्ट्रपति

मैं सबसे गरीब राष्ट्रपति कहलाता हूं, लेकिन मैं समझता हूं कि मैं गरीब नहीं हूं. गरीब तो वो होते हैं जो अपना पूरा जीवन खर्चीली जीवनशैली के लिए काम करने में बिता देते हैं और अधिक से अधिक कमाने की इच्छा रखते हैं"
जोस मुजीका, उरुग्वे के राष्ट्रपति
जोस मुजीका उरुग्वे के राष्ट्रपति हैं लेकिन उन्हें देखकर किसी को भी ये विश्वास नहीं होता. वजह साफ़ है वो एक गरीब किसान की तरह अपना जीवन जीते हैं.
एक फार्म हाउस में तीन टांग के अपने कुत्ते की रखवाली के भरोसे मुजीका अपना जीवन गुज़ार रहे हैं जो किसी भी राष्ट्रप्रमुख के लिए लगभग असंभव है.

गुरुवार, 15 नवंबर 2012

कैसे बचे यम के फांस से यमुना ?

यम द्वितिया पर लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष
आज यमद्वितिया है। यम के फंदे से मुक्‍ति का दिन। कहते हैं कि आज के दिन मथुरा में विश्राम घाट पर जो भाई-बहिन हाथ पकड़कर यमुना में स्‍नान करते हैं, उन्‍हें यम के फंदे से मुक्‍ति मिल जाती है। इसी मान्‍यता के चलते भाई दूज यानि यमद्वितिया पर लाखों लोग मथुरा में यमुना स्‍नान करने आते हैं। मथुरा में यमुनाजी और धर्मराज का एकसाथ संभवत: अकेला मंदिर भी है।

शनिवार, 10 नवंबर 2012

महिला पार्षद 11 करोड़ की मालकिन

कर्नाटक में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका की पार्षद गौरम्मा के पास आय से अधिक की 11 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर गौरम्मा और उनके परिजनों के चार ठिकानों पर लोकायुक्त के छापे में आय से 11 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का पता चला। इनमें चामराजपेट में तीन स्थानों पर जमीनें थीं जिनकी कीमत 2 करोड़ 21 लाख 98 हजार रुपए है।

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

6000 करोड़ के कालेधन का खुलासा

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने आज विदेशों में जमा कालेधन पर खुलासा किया है। केजरीवाल ने कहा कि स्विस बैंकों में कितना कालाधन जमा है, इस पर काफी कयास लगाए गए। उन्होंने कहा कि सीबीआई के मौजूदा निदेशक ने कहा है कि 25 लाख करोड़ रुपये स्विस बैंकों में जमा है।
उन्होंने आज के खुलासे में स्विस बैंक में जमा भारतीय लोगों के कालेधन के बारे में बताया। केजरीवाल ने दावा किया कि करोड़ों रुपये भारतीय लोगों के इन विदेशी बैंकों में जमा है और यह धन कालाधन है जिसे भारत लाया जा सकता है लेकिन भारत सरकार इन रुपयों को नहीं लाना चाहती।

गांधी परिवार को मुफ्त में दे दी 90 एकड़ कीमती जमीन

महाराष्ट्र सरकार ने गांधी परिवार के ट्रस्ट को मुंबई की 90 करोड़ की बेशकीमती जमीन मुफ्त में दे दी। एक निजी चैनल ने यह खुलासा किया है। चैनल के मुताबिक गांधी परिवार के ट्रस्ट एसोसिएट जर्नल्स को यह जमीन नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के दफ्तर के निर्माण के लिए दी गई थी लेकिन 30 साल बाद भी जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
इस कारण यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गांधी परिवार ने 90 करोड़ की जमीन दबा रखी है?

बुधवार, 7 नवंबर 2012

मिसाइल और टैंक देश को सुरक्षा नहीं दे सकते: इफ्तिखार चौधरी

पाकिस्तान में सेना और अदालत के बीच चल रहे टकराव के बीच मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मिसाइलें और टैंक देश में स्थिरता और सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते और जजों को राज्यों में कानून की सर्वोच्चता सुनिश्चित करनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश का यह बयान सेना प्रमुख अशफाक कयानी की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें अशफाक कयानी ने सुप्रीम कोर्ट को कड़े शब्दों में चेताया हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट देश की सेना को कमजोर करने की कोशिश न करे।

रविवार, 4 नवंबर 2012

TATA व एन मूर्ति जैसे लोग चलवा रहे हैं IAC आंदोलन

अरविंद केजरीवाल का आंदोलन इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति सहित अन्य उद्योगपतियों के पैसे से चल रहा है। नारायण मूर्ति ने साल 2010-11 में केजरीवाल के पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन को 12 लाख रूपए दान दिए थे। एक समाचार पत्र ने यह जानकारी दी है। समाचार पत्र के मुताबिक मुंबई की स्टॉक ब्रोकिंग फर्म एनम सिक्योरिटी ने 2 लाख रूपए दान दिए थे। इस कंपनी के मालिक हैं वल्लभ भंसाली।
रतन टाटा के सोशल वेलफेयर ने 25 लाख का चेक दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम लाल की "एकर"ने एकर गुडवर्थ ट्रस्ट के नाम से 3 लाख का चेक दिया था। नीमेश कंपानी के जेएम फाइनेंशियल फाउंडेशन ने पचास हजार का चेक दिया था। अन्य सहयोग देने वालों में इंडसंड इंक बैंक के बॉस और बैंकर रोमेश सोबती शामिल है।

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

दबाया गया राजीव गांधी की हत्या का सबूत

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े अहम सबूत को दबा दिया गया था। यह दावा किया है मामले की जांच से जुड़े अधिकारी के रागोथामन ने। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि उस समय के आईबी चीफ एमके नारायणन ने राजीव गांधी की हत्या से जुड़े वीडियो को दबाए रखा। इस वीडियो में मानव बम धुन को दिखाया गया है,जो श्रीपेरम्बदुर में राजीव गांधी के पहुंचने से पहले मौजूद थी।
उन्होंने बताया कि वीडियो के गायब होने के मामले की प्राथमिक जांच हो चुकी है। विशेष जांच टीम के प्रमुख डीआर कार्तिकेयन ने पश्चिम बंगाल के मौजूदा गर्वनर नारायणन को छोड़ दिया। हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "राजीव गांधी की हत्या की साजिश-सीबीआई की फाइलों के हवाले" में दावा किया गया है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद आईबी के वीडियोग्राफर को जो टेप मिला था उसे एसआईटी के साथ कभी शेयर नहीं किया गया। गौरतलब है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मनमोहन सरकार में ईमानदार को सजा, चापलूसों को ईनाम

क्या केंद्रीय कैबिनेट में जयपाल रेड्डी का ट्रांसफर सजा के तौर पर हुआ है? उन्हें पेट्रोलियम से साइंस और टेक्नॉलजी मंत्री बनाया गया है। क्या ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रेड्डी रिलायंस समेत कई पेट्रोलियम कंपनियों पर काफी सख्त थे? जयपाल रेड्डी सोमवार सुबह अपने मंत्रालय का चार्ज नए मंत्री वीरप्पा मोइली को देने नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि वह अपने तबादले से सख्त नाराज हैं।
रविवार को कैबिनेट में हुए जंबो फेरबदल के बाद राजनीतिक गलियारों में रेड्डी के ट्रांसफर को लेकर ऐसे ही सवाल गुपचुप उठ रहे हैं। इन सवालों को अरविंद केजरीवाल की इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने जबान भी दे दी है। आईएसी के योगेंद्र यादव ने कहा कि जयपाल रेड्डी को रिलायंस पर सख्त होने की सजा दी गई है। रेड्डी के करीबी भी इसे डिमोशन के तौर पर देख रहे हैं।

शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

ध्‍वस्‍त होंगे अशोका हाइट्स के 90 फ्लैट्स !

-शिवपाल यादव ने कहा, सिंचाई विभाग की जमीन कब्‍जाने वाले भूमाफिया बख्‍शे नहीं जायेंगे
-ग्राम समाज की जमीन को लेकर भी हुई उच्‍च अधिकारियों से शिकायत
-13 करोड़ 68 लाख के भुगतान की वसूली के लिए एक ठेकेदार ने ली न्‍यायालय की शरण

डेवलपमेंट अथॉर्टी से अप्रूवल की आड़ लेकर भूमाफिया किस तरह कृष्‍ण की नगरी मथुरा में रेत के अवैध महल खड़े करते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण है J S R ग्रुप का प्रोजेक्‍ट अशोका हाइट्स।
अशोका हाइट्स इस बात का भी उदाहरण है कि सरकारी मशीनरी अपने-अपने हिस्‍से का सुविधा शुल्‍क लेकर किस तरह एक अवैध प्रोजेक्‍ट का पहले तो आंखें बंद करके विस्‍तार होते चुपचाप देखती रहती है और जब जांच के घेरे कसते हैं तो सारा ठीकरा उन लोगों के सिर फोड़ने का पूरा प्रयास करती है जो भ्रष्‍ट अफसरों की शै पर ही अपने प्रोजेक्‍ट की नाजायज रूप से न केवल लंबाई-चौड़ाई बढ़ाते जाते हैं बल्‍कि उन जरूरी सुविधाओं को भी ताक पर रख देते हैं जो किसी भी बहुमंजिला इमारत के निर्माण में अत्‍यंत आवश्‍यक होती हैं।

बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

1 अरब फूंक देश की ही चीन से जासूसी कराई जनरलों ने

रक्षा मंत्रालय के एक इंटरनल ऑडिट में खुलासा किया गया है कि आर्मी चीफ विक्रम सिंह, वी. के. सिंह और कुछ टॉप जनरलों ने स्पेशल फाइनैंशल पावर्स के तहत 2 सालों में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ऐसी आपातकालीन खरीद की जिसमें चीन ने अपने जासूसी उपकरण फिट कर रखे थे। चीन समेत कई देशों की खुफिया एजेंसियां जासूसी के लिए ऐसे हथकंडे अपनाती हैं।
ऑडिट में यह पता चला है कि इन विदेशी उपकरणों को खरीदने के लिए गाइडलाइंस का भी उल्लंघन किया गया। जिस उपकरण को आर्मी के एक भाग ने रिजेक्ट कर दिया, उसी को दूसरे ने खरीद लिया। यह बात भी गौर करने लायक है कि भारतीय उपकरणों से महंगे होने के बावजूद विदेशी उपकरण खरीदे गए।
ऑडिटर्स ने पाया कि विदेशी उपकरण सीधे कंपनी से खरीदने की बजाय भारतीय एजेंट से खरीदे गए जबकि कंपनी के लोग भारत में मौजूद थे। कुछ मामलों में बिचौलियों का भी इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि ईस्टर्न कमांड ने विदेशी कंपनी की हाई रिज़ॉल्यूशन वाली दूरबीन महंगे दामों पर भारतीय एजेंट से खरीदीं, जबकि दूरबीन बनाने वाली कंपनी उसे कम दामों पर दे रही थी।

वाड्रा,गडकरी,वीरभद्र... अभी और न जाने कितने हैं इस हमाम में

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रेजिडेंट नितिन गडकरी अकेले नहीं हैं जिन्होंने अपने ड्राइवर मनोहर पनसे को रहस्यमय तरीके से अपनी 11 फर्मों का डायरेक्टर बनाया। यह लिस्ट काफी लंबी है। ऐसे कई नेता हैं जिनके चपरासी, क्लर्क और ड्राइवर रहस्यमय तरीके से रातोंरात लखपति बन गए, या फिर मालिक ने उन्हें अपनी कंपनियों में बड़े पदों पर बैठा दिया। इसके पीछे आखिर खेल क्या है, आप दिमाग पर थोड़ा जोर डालेंगे तो समझ जाएंगे।
'बेनामी लेनदेन का है पूरा खेल'
इन मामलों पर नजर रखने वाले अधिकारियों की मानें तो ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने बेनामी लेनदेन को छिपाने के लिए अपनी कई फर्मों के डायरेक्टर अपने ड्राइवरों और चपरासियों का बनाया हुआ है। एक सीनियर ब्यूरोक्रेट कहते हैं, 'इन फर्मों में असल में लेनदेन होता है, लेकिन हर किसी को पता होता है कि करने वाला ऐसा कर ही नहीं सकता। उन्हें बस इस्तेमाल किया जा रहा होता है।'

रविवार, 21 अक्तूबर 2012

सावधान ! अशोका सिटी व अशोका हाइट्स में मकान तो नहीं ले रहे?

मथुरा। वेलकम टू द वर्ल्‍ड ऑफ न्‍यू लाइफस्‍टाइल एट 'अशोका सिटी'। फर्स्‍ट लर्निंग प्‍लेटटफॉर्म फॉर योर किड्स इन योर होम, सो गिव हिम ए ड्रीम होम।
ये विज्ञापन है ''J S R हाउसिंग एण्‍ड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड'' का। यह ग्रुप शहर के पॉश इलाके डेम्‍पियर नगर में ''अशोका टावर'' के नाम से अपना एक प्रोजेक्‍ट लगभग पूरा कर चुका है जबकि इसके दो हाउसिंग प्रोजेक्‍ट फ्लोर पर हैं। इनमें से एक का नाम ''अशोका सिटी'' है और दूसरे का नाम है ''अशोका हाइट्स''। अशोका सिटी नेशनल हाइवे नम्‍बर दो पर गोवर्धन चौराहे के अति निकट होटल अभिनंदन से लगभग सटा हुआ प्रोजेक्‍ट है और अशोका हाइट्स भी नेशनल हाईवे पर ही स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम की ओर जाने वाले गनेशरा रोड के नाले पर खड़ा किया जा रहा है। अशोका हाइट्स का काफी काम पूरा भी हो चुका है।
त्‍यौहारी सीजन है, नवरात्रियां चल रही हैं। फिर इसी महीने ईद है और उसके बाद अगले महीने धनतेरस व दीपावली। जाहिर है कि इस अवसर का लाभ सभी उठाना चाहते हैं। एक ओर हर तरह का व्‍यापारी वर्ग है तो दूसरी ओर ग्राहक। मौका कोई नहीं चूकना चाहता।
व्‍यापारी इस दौरान अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं और ग्राहक चाहता है कि उसे जितना ज्‍यादा हो सके छूट का लाभ मिल जाए।
इस मामले में सर्वाधिक आकर्षक छूट या तो रीयल एस्‍टेट के कारोबारी देते हैं या फिर ऑटो मोबाइल के क्‍योंकि एक अदद अपना आशियाना तथा एक अदद चारपहिया हर आदमी का सपना जो होता है। इन्‍हीं सपने का सौदा करने को बहुत से लोग अपने-अपने तरीके से जाल बिछाते हैं। विज्ञापन का जाल इसमें बड़ी भूमिका अदा करता है।  

इस तथाकथित संत की हिमाकत तो देखो..

धर्म गुरु आसाराम बापू ने जस्टिस त्रिवेदी कमीशन के आगे पेशी से बचने के लिए इस बार सारी मर्यादाएं तोड़ दी हैं। दो बच्चों की संदिग्ध मौत की जांच कर रहे कमीशन को लिखी अर्जी में आसाराम बापू ने कहा है कि अगर उनका बयान इतना ही जरूरी है तो जांच कमीशन को उनके आश्रम में ही शिफ्ट कर दें या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनका बयान दर्ज किया जाए। आसाराम की इस अर्जी पर पीड़ित पक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। इस अर्जी पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
लगातार विवादों में रहने वाले धर्म गुरु आसाराम बापू जस्टिस त्रिवेदी कमीशन के आगे पेश होने को तैयार नहीं है। त्रिवेदी कमीशन चार साल पहले आसाराम बापू के आश्रम में पढ़ने वाले दो बच्चों की संदिग्ध मौत की जांच कर रहा है। लेकिन इस मामले में कई बार समन जारी होने के आसाराम बापू आज तक अपना बयान देने से बच रहे हैं।

सोमवार, 15 अक्तूबर 2012

प्रकाशानंद को लेकर झूठ बोल रहे हैं कृपालु महाराज

कृपालु महाराज के ठीक पीछे खड़े हैं प्रकाशानंद 

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
यौन उत्‍पीड़न के 20 मामलों में अमेरिका की एक अदालत से सजायाफ्ता स्‍वामी प्रकाशानंद सरस्‍वती के फरार हो जाने की खबर 'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' को छोड़कर अधिकांश हिंदी अखबारों ने भले ही प्रकाशित न की हो लेकिन देश के अंग्रेजी अखबारों टाइम्‍स ऑफ इण्‍डिया व इंडियन एक्‍सप्रेस आदि ने इसे प्रमुखता से छापा था। 'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' ने अपनी खबर में प्रकाशानंद को तथाकथित जगद्गुरू कृपालु महाराज का शिष्‍य बताया था।
इसके बाद वृंदावन स्‍थित कृपालु आश्रम के प्रवक्‍ता की ओर से कहा गया कि प्रकाशानंद से कृपालु महाराज का अब कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। आश्रम की इस सफाई को आगरा से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक ने छापा भी कि अमेरिका प्रकरण संज्ञान में आते ही कृपालु महाराज ने प्रकाशानंद से सम्‍बन्‍ध विच्‍छेद कर लिये थे। वर्तमान में वह कहां हैं और किस स्‍थिति में हैं, यह जानकारी न तो जगद्गुरू को है और न ही उनके आश्रम को।
'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' ने इसके बाद एक खबर और छापी जिसका शीर्षक था- 'कहीं मार तो नहीं डाला प्रकाशानंद'' ।
इस खबर के बाद दिल्‍ली में कृपालु महाराज के न्‍यास ने एक बयान जारी करके कहा है कि कृपालु महाराज शिष्य बनाने की परम्परा के सख्त खिलाफ हैं. महाराज जी ने कभी शिष्य नहीं बनाए और उन्होंने कभी किसी को गुरुमंत्र नहीं दिए.
बयान में कहा गया है, यह गौर करने लायक है कि प्रकाशानंद सरस्वती जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती (एक संन्यासी) के शिष्य हैं. जगद्गुरु कृपालु जी महाराज गृहस्थ हैं और वैष्णव हैं.
यह बयान कृपालु महाराज के न्यास ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर की प्रतिक्रिया स्वरूप जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में एक मामले में वांछित स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती जगद्गुरु कृपालु जी महाराज से जुड़े हुए हैं.
न्यास के अनुसार, देश-विदेश में अनेक लोग अपने गुरू के कार्यो और ईश्वर के प्रति उनके अगाध समर्पण से प्रभावित होकर उनका शिष्य होने का दावा करते हैं. बयान में कहा गया है, ऐसी परिस्थितियों में गलत धारणाएं पैदा करना और यह कहकर लोगों को भ्रम में डालना कि कोई वांछित अपराधी उनका शिष्य है या उनके अधीन किसी न्यास की गतिविधियों से जुड़ा है, निश्चितरूप से निंदनीय है.
उल्‍लेखनीय है कि स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती को अमेरिका में टेक्सास की अदालत ने मार्च 2011 में बच्चों के साथ अश्लील हरकतों के 20 मामलों में सजा सुनाई थी.
अदालत ने करीब 80 वर्षीय प्रकाशानंद सरस्वती को उनकी गैरमौजूदगी में प्रत्येक आरोप के लिए 14 साल कैद की सजा सुनाई थी. उन्हें 12 लाख डॉलर के मुचलके पर जमानत दी गई लेकिन वह भाग खड़े हुए। अदालत ने उनकी जमानत राशि जब्‍त कर ली । अमेरिकी मार्शल्स को अब उनकी तलाश है. अमेरिकी मार्शल्‍स को संदेह है कि प्रकाशानंद अपने अनुयायियों की मदद से भारत भाग आया है।
जो भी हो लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर पहले तो कृपालु महाराज के प्रवक्‍ता ने यह क्‍यों कहा कि अमेरिका प्रकरण संज्ञान में आते ही कृपालु महाराज ने प्रकाशानंद से सम्‍बन्‍ध विच्‍छेद कर लिये थे। वर्तमान में वह कहां हैं और किस स्‍थिति में हैं, यह जानकारी न तो जगद्गुरू को है और न ही उनके आश्रम को। फिर अब कृपालु न्‍यास को यह क्‍यों कहना पड़ा कि न्यास ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित उस खबर की प्रतिक्रिया स्वरूप यह बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका से एक मामले में वांछित स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती, जगद्गुरु कृपालु जी महाराज से जुड़े हुए हैं.
अब हम आपके सामने एक-दो नहीं, पूरे दस ऐसे फोटो रख रहे हैं जिनसे न सिर्फ कृपालु से प्रकाशानंद के जुड़े होने बल्‍कि अत्‍यंत निकटता एवं प्रकाशानंद की कृपालु के लिए महत्‍ता का भी साफ पता लगता है। इससे यह भी स्‍पष्‍ट होता है कि कृपालु के प्रवक्‍ता तथा उसके न्‍यास द्वारा प्रकाशानंद से अपने सम्‍बन्‍धों को झुठलाये जाने का दावा कितना झूठा है और उसके पीछे कोई साजिश छिपी है।
निश्‍चित ही उनके इस झूठ ने कई और सवाल खड़े कर दिये हैं और यह सवाल कृपालु महाराज को संदेह के घेरे में लेते हैं।
कृपालु आश्रम के वृंदावन प्रवक्‍ता की आगरा से प्रकाशित अखबार में छपी यह सफाई कि वर्तमान में प्रकाशानंद कहां हैं और किस स्‍थिति में हैं, यह जानकारी न तो जगद्गुरू को है और न ही उनके आश्रम को। और कल न्‍यास की ओर जारी किया गया इस आशय का बयान कि देश-विदेश में अनेक लोग अपने ''गुरू'' के कार्यो और ईश्वर के प्रति उनके अगाध समर्पण से प्रभावित होकर उनका शिष्य होने का दावा करते हैं. बयान में कहा गया है, ऐसी परिस्थितियों में गलत धारणाएं पैदा करना और यह कहकर लोगों को भ्रम में डालना कि कोई वांछित अपराधी उनका शिष्य है या उनके अधीन किसी न्यास की गतिविधियों से जुड़ा है, निश्चितरूप से निंदनीय है.
कृपालु न्‍यास की ओर से प्रस्‍तुत इस सफाई में भी गौर करने लायक हैं वह शब्‍द जिन्‍हें ऊपर अंडरलाइन किया गया है। यहां न्‍यास ने खुद गुरू शब्‍द का प्रयोग किया है जो सिद्ध करता है कि कृपालु महाराज अपने अनुयायियों को शिष्‍य ही मानते हैं।
स्‍पष्‍ट है कि प्रकाशानंद के संदर्भ में कृपालु के प्रवक्‍ता और न्‍यास के बयान ही भ्रामक हैं और सिर्फ उस संभावित पूछताछ से बचने की कोशिश में दिये गये हैं, जिसकी आशंका 'लीजेण्‍ड न्‍यूज़'' ने व्‍यक्‍त की है कि कहीं प्रकाशानंद को मार तो नहीं दिया गया।
प्रकाशानंद से कृपालु महाराज की अंतरंगता और उनके महत्‍व को दर्शाते शेष 9 फोटो नीचे देखें-
प्रकाशानंद को गले लगाते कृपालु

कृपालु के ठीक पीछे कुर्सी पर बैठे प्रकाशानंद

कृपालु के साथ बराबर में खड़े प्रकाशानंद

कृपालु के पीछे पीले वस्‍त्रों में चलते प्रकाशानंद

कृपालु के सामने कुर्सी पर बैठे प्रकाशानंद

कृपालु के ठीक पीछे सफेद बालों में प्रकाशानंद हैं

कृपालु के ठीक सामने कुर्सी पर बैठे हैं प्रकाशानंद

कृपालु के सामने बाईं ओर कुर्सी पर बैठे प्रकाशानंद

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

न घर न कार,ऐसे हैं CM माणिक सरकार

अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार शायद देश के पहले ऎसे सीएम हैं जिनके पास न तो खुद का घर है और न ही कार। उनका एसबीआई में खाता है जिसमें 17 सितंबर तक सिर्फ 6 हजार 500 रूपए जमा थे। सरकार को जो सैलरी मिलती है वह भी पार्टी (सीपीआईएम)को दान कर देते हैं। इसके बदले उन्हें हर महीने भत्ते के रूप में पांच हजार रूपए मिलते हैं।

जन सत्याग्रहियों और सरकार के बीच हुआ समझौता

आगरा में जल, जंगल और जमीन को लेकर सरकार और सत्याग्रहियों के बीच समझौता हो गया है। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आगरा जाकर सत्याग्रहियों के साथ समझौता किया।
जिन बातों पर समझौता हुआ है उसमें खास है
- 4-6 महीने के भीतर राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनेगी।
- कृषि भूमि और आवास भूमि पर अधिकार के लिए कानून बनाया जाएगा।
- जितने भी ज़मीन से जुड़े मुकदमे होते हैं उनके जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेगी।

..तो वाड्रा मामले पर इसलिए चुप हैं मोदी जी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार गांधी परिवार पर हमला बोल रहे हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद पर लगे आरोपों पर वे चुप हैं। ऎसे में सवाल उठता है कि आखिर मोदी चुप क्यों हैं। एक समाचार पत्र के मुताबिक मोदी की इस चुप्पी की वजह है उनकी सरकार की ओर से डीएलएफ को सस्ती दर पर दी गई जमीन। समाचार पत्र के मुताबिक 2007 में गुजरात सरकार ने डीएलएफ को गांधीनगर में सस्ती रेट पर एक लाख स्कवेयर मीटर लैण्ड दी थी।
गुजरात कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को जून 2011 में एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें कहा गया था कि बिना नीलामी के डीएलएफ को जमीन दे दी गई।

विकलांगों का भी पैसा डकार गए कानून मंत्री

फर्रुखाबाद से सांसद एवं देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद पर जालसाजी का बड़ा आरोप लगा है। आज तक न्यूज़ चैनल के स्टिंग आपरेशन के मुताबिक, कानून मंत्री के ट्रस्ट डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को साल 2010 और 2011 में 1.39 करोड़ रुपए का सरकारी अनुदान मिला, जिसे फर्जी हस्ताक्षर और मुहर के सहारे हड़प लिया गया है। केंद्र सरकार से मिला यह अनुदान विकलांगों को ट्राई साइकिल, बैसाखी और सुनने की मशीन मुहैया कराने के लिए था।
इस मसले पर कानून मंत्री सहित कांग्रेस का कोई पदाधिकारी सामने नहीं आ रहा है। हालांकि कानून मंत्री ने चिट्ठी लिखकर सफाई दी है।

रविवार, 7 अक्तूबर 2012

फट चुका है लोकतंत्र का ढोल

प्रसिद्ध शायर बालस्‍वरूप राही का एक शेर कुछ यूं है-
आबरू क्‍यों किसी की लुट जाए ।
 देश है ये, कोई हरम तो नहीं ।।

लेकिन जब देश की ही आबरू दांव पर लगी हो तो क्‍या कहेंगे, क्‍या करेंगे?
क्‍या तमाशबीन बने रहेंगे सदा की तरह, या भांड़ों की उस जमात का हिस्‍सा बन जायेंगे जो अपने बुद्धि व विवेक को कभी किसी राजनीतिक दल के लिए गिरवीं रख देती है और कभी उसके सुप्रीमो की चापलूसी को ही सब-कुछ समझती है।
इस माह अगस्‍त में देश को स्‍वतंत्र हुए पूरे 65 साल हो गये। इन पैंसठ सालों में आम आदमी को न तो सम्‍मानपूर्वक जीने का हक मिला और न जरूरतें पूरी करने लायक रोजी-रोजगार। कानून की किताबें लगता है जैसे सामर्थ्‍यवानों की हिफाजत के लिए लिखी गई हैं और संविधान में दर्ज आम आदमी के अधिकार की बातें किस्‍से-कहानियां बन चुकी हैं।

हम हो रहे कंगाल लेकिन विधायक मालामाल

आम आदमी बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। हर महीने मिलने वाले वेतन से परिवार का खर्चा चलाना आम आदमी के लिए मुश्किल हो रहा है लेकिन उसी आम आदमी की ओर से चुने जाने वाले जन प्रतिनिधि दिन-ब-दिन माला माला होते जा रहे हैं। दस राज्यों के 1 हजार 75 विधायकों की इनकम के आंकलन के मुताबिक एक विधायक के घर की इनकम आम आदमी के पांच सदस्यों के परिवार की इनकम से कहीं ज्यादा है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के मुताबिक आम आदमी और विधायक की इनकम में सबसे ज्यादा अंतर उत्तर प्रदेश में है। विधायक और उसके परिवार की सालाना औसत इनकम 14.6 लाख है। सामान्य परिवार की औसत आय से यह 10 गुना ज्यादा है। सामान्य व्यक्ति की सालाना औसत आय 1.3 लाख है। यूपी के अलावा पंजाब,असम और तमिलनाडु में भी विधायकों और आम आदमी की इनकम में जबरदस्त फर्क देखा गया है।

गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

कहीं मार तो नहीं दिया प्रकाशानंद ?

यौन उत्‍पीड़न के 20 मामलों में टेक्सास की हेज काउन्टी ज्यूरी से 18 महीने पहले 14 वर्ष की सजा प्राप्‍त होने के बाद फरार हुए तथाकथित धार्मिक गुरू प्रकाशानंद सरस्‍वती के बारे में अमेरिका के संघीय अधिकारी इस आशय का अनुमान लगा रहे हैं कि वह अपने धार्मिक अनुयायियों की मदद से भारत भाग आया है। उनका यह अनुमान काफी हद तक ठीक भी है लेकिन 'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' ने जब इस बावत और पड़ताल की तो चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
कभी स्‍वामी प्रकाशानंद सरस्‍वती के नजदीक रहे सूत्रों पर भरोसा करें तो यह भी संभव है कि उसकी हत्‍या कर दी गई हो।
इन सूत्रों के मुताबिक जब मार्च 2011 के दौरान टेक्सास में प्रकाशानंद पर एक के बाद एक यौन उत्‍पीड़न के 20 आरोप लगाये गये तो उनसे जुड़ी वृंदावन व मथुरा की धार्मिक संस्‍थाओं के संचालक काफी परेशान हो गये थे। इन लोगों ने तभी से प्रकाशानंद को लेकर षड्यंत्र बना लिया था और उसके अनुसार योजना पर अमल करते रहे।

रविवार, 30 सितंबर 2012

कांग्रेस का मकसद कोलगेट से ध्‍यान हटाना था: पवार

chalo der se hi sahi...
महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पर जमकर गुस्सा उतारा.
महाराष्ट्र में सहयोगी पार्टी कांग्रेस पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए एनसीपी नेता अजीत पवार ने रविवार को कहा कि उनके खिलाफ उठाए गए अनियमितता के मामलों का उद्देश्य कोयला ब्लॉक घोटाले से लोगों का ध्यान भटकाना था.

कोयला घोटाले में CVC को मिलीं कई और शिकायतें

how many stings ?......
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के समक्ष कोयला ब्लॉक आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के मामले में भंडाफोड़ करने वालों (विसल ब्लोअर) और आम नागरिकों की ओर से कई ताजा शिकायतें आई हैं। इनमें से कुछ को सीबीआई के साथ साझा किया गया है।
सीवीसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में कई शिकायतें मिली हैं और इनमें कुछ सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है।

शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

कृपालु महाराज के शिष्‍य प्रकाशानंद की अमेरिका को तलाश

जगद् गुरू कृपालु का शिष्‍य है प्रकाशानंद सरस्‍वती
यौन उत्‍पीड़न के 20 मामलों में सुनाई गई थी 14 साल की सजा
कृपालु महाराज का शिष्‍य है प्रकाशानंद सरस्‍वती
 ''द यूनीवर्सल सोसाइटी ऑफ स्‍प्रिचुअल लव'', ''द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ डिवाइन लव'' जैसी ख़ालिस व्‍यावसायिक ''पंच लाइन'' के माध्‍यम से भारत सहित विश्‍व के तमाम सम्‍पन्‍न देशों में धर्म का धंधा करने वाले और खुद को पांचवां यानि अतिरिक्‍त जगद् गुरू शंकराचार्य घोषित कर चुके रामकृपालु त्रिपाठी उर्फ ''कृपालु महाराज'' के शिष्‍य ''स्‍वामी प्रकाशानंद सरस्‍वती'' की अमेरिका को तलाश है।
दरअसल दो युवा लड़कियों का यौन उत्‍पीड़न करने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद प्रकाशानंद अदालत को चकमा देकर भाग खड़ा हुआ। अमेरिका को शक है कि 14 वर्ष के कारावास की सजा सुनाये जाने के कारण यह 83 वर्षीय कथित आध्यात्मिक धर्मगुरू संभवत: भारत भाग गया है।

शनिवार, 22 सितंबर 2012

सरकार है या शेखचिल्‍ली उवाच ?

कल प्रधानमंत्री का राष्‍ट्र के नाम पूरे 17 मिनट का संबोधन सुना। ना चेहरे पर कोई भाव, न किसी प्रकार का स्‍पंदन। आंखें जैसे एकदम ठहरी हुई। मुंह से शब्‍द जरूर निकल रहे थे पर कुछ इस तरह कि कोई जबरन बुलवा रहा हो। कोई स्‍क्रिप्‍ट सिर्फ पढ़ी जा रही हो।
सच तो यह है कि उनके चेहरे पर उतने भी भाव नहीं थे जितने कठपुतलियों को नचाते वक्‍त उनका सूत्रधार ले आता है।

शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

100 करोड़ में कोयले की कालिख से निजात की कवायद

कोयले की कालिख से छुटकारा पाने के लिए बेचैन यूपीए सरकार अपना चेहरा चमकाने पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही सरकार अपनी साफ-सुथरी छवि जनता के बीच लाने की योजना बना रही है।
टेलीविजन, रेडियो और प्रिंट मीडिया के जरिए ऐसा करने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि का इस्तेमाल विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) सरकार के लिए एक मजबूत प्रचार अभियान चलाने के लिए करेगा। खबरों के मुताबिक, भारत निर्माण एडवर्टाइजर्स जो यूपीए सरकार की छवि निखारो अभियान का हिस्सा है, विज्ञापन में स्थानीय कलाकारों को उतारेगा। अन्य कॉरपोरेट की तरह सरकार भी नकारात्मक छवि से मुक्त होने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्क साइटों का इस्तेमाल करेगी।

.... इस तरह अलग किये गये अन्‍ना और अरविंद

तो क्‍या दिग्‍विजय सिंह का अन्‍ना पर लगाये आरोप सही थे ? 
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे को अरविंद केजरीवाल के बीच फूट डलवाने में संघ का हाथ होने की बात सामने आ रही है। एक निजी चैनल के मुताबिक संघ प्रवक्ता राम माधव को यह काम सौंपा गया था कि वह अन्ना को उनकी टीम से अलग करवाएं। उद्योगपति सीताराम जिंदल को यह काम सौंपा गया था कि वह संघ के वरिष्ठ नेताओं और अन्ना के बीच बातचीत करवाएं।
जिंदल ने अन्ना को मनाया
सूत्रों के मुताबिक जिंदल पिछले पन्द्रह दिन में कई बार अन्ना के गांव रालेगण सिद्धी गए। जिंदल ने अन्ना को विश्वास में लिया कि अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक बनाने का फैसला गलत है। सूत्रों के मुताबिक बाबा रामदेव और ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने भी अन्ना और केजरीवाल को अलग करवाने में महत्वपूर्ण भूमिक निभाई। किरण बेदी और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह का भी उनको सहयोग मिला।

50 लाख के चेक बाउंस पर श्रीश्री को नोटिस

चंडीगढ़ । आर्ट आफ लिविंग के सर्वेसर्वा श्रीश्री रविशंकर और उनके सात डायरेक्टर 50 लाख रुपये की अदायगी को लेकर बुरी तरह उलझ गए हैं। मोहाली के जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को श्रीश्री रविशंकर समेत 8 लोगों के खिलाफ चेक बाउंस की शिकायत के चलते उन्हें तीन अक्टूबर तक स्थिति स्पष्ट करने का नोटिस जारी किया है।
दाखिल याचिका में मोहाली के न्यू राजू टेंट हाउस के मालिक राजिंदर धालीवाल, सहगल टेंट हाउस, वीडियो व स्टिल फोटोग्राफी की कंपनी रेड फायर और बलवंत सिंह ने आरोप लगाया है कि श्रीश्री रविशंकर के 7 निदेशकों ने सोलन व शिमला में साल 2011 में महा सत्संग समारोह के भव्य आयोजनों के दौरान उन्हें लाखों रुपये की चपत लगाई।

गुरुवार, 20 सितंबर 2012

सनसीनखेज खुलासे करेगी 'डिप्लोमेटिक चैनल्स'

पूर्व विदेश सचिव के श्रीनिवासन ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। विदेश सचिव का पद छोड़ने के 17 साल बाद क्रिस श्रीनिवासन ने अपने संस्मरण "डिप्लोमेटिक चैनल्स" में यह खुलासा किया है।
रॉ ने किया था फोन टैप-
श्रीनिवासन के अनुसार भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने पाकिस्तान समर्थित असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (साउथ एशिया) रॉबिन रफेल तथा इस्लामाबाद में अमरीकी राजदूत के बीच टेलिफोन पर हुई वार्ता टैप की थी।
अमरीका ड्राफ्ट का समर्थन नहीं करने वाला-
इस बातचीत में स्पष्ट हो गया था कि अमरीका कश्मीर पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पेश ड्राफ्ट मसौदे का समर्थन नहीं करने वाला है। यह पुस्तक जल्द ही लंदन में लॉन्च होने वाली है। कश्मीर पर प्रस्ताव सितंबर 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की कमेटी की पहली बैठक में पेश किया था।
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