मंगलवार, 28 अगस्त 2012

ये भी हैं एक ''भारत रत्‍न'' !

जीवन के 25 वसंत पत्रकारिता के नाम करने के बावजूद मैं यह दावा करने में खुद को असमर्थ पाता हूं कि मैंने किसी किस्‍म की कोई देश सेवा की हो। हां, जाने-अनजाने में थोड़ी-बहुत समाज सेवा शायद कभी की हो तो याद नहीं। जब वह मुझे ही ठीक से याद नहीं तो कोई दूसरा याद क्‍यों रखने लगा।  यूं भी समाज सेवा का कोई ताल्‍लुक देश सेवा अथवा राष्‍ट्र सेवा से है भी कि नहीं, मुझे नहीं पता।
खैर, देश सेवा और राष्‍ट्र सेवा के मेरे मानदण्‍ड मुझे मुबारक़।
फिलहाल हम यहां बात करेंगे उन महान हस्‍तियों की जो अपने-अपने प्रोफेशन के जरिये देश की सेवा करने का न केवल दावा करते हैं बल्‍कि उसके लिए पुरस्‍कार पाने की चाहत भी रखते हैं।
देश सेवा करने का हाल ही में सर्वाधिक प्रबल दावा शर्लिन चोपड़ा द्वारा किया जा रहा है। शर्लिन का कहना है कि उसने विश्‍व प्रसिद्ध एडल्ट मैगजीन ''प्लेब्वॉय'' के लिए पूर्णत: निर्वस्‍त्र होकर जो देश सेवा की है, उसके लिए उसे ''भारत रत्‍न'' दिया जाना चाहिए। शर्लिन को अपनी इस उपलब्‍धि पर इसलिए भी फ़क्र है क्‍योंकि ऐसा मुकाम हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला है।

रविवार, 26 अगस्त 2012

देश को तबाह कर सकता है साइबर वार

keep an eye on pakistans' hacker
असम और म्यांमार में मुसलमानों के साथ कथित अत्याचार के खिलाफ पाकिस्तानी वेबसाइटों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री अपलोड किए जाने के बाद भारत में भड़के दंगों के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर भारत सरकार ने देश में साइबर सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए तो भविष्य में स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है।
प्रख्यात साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और टोरेड नेटवर्क कंपनी के निदेशक ध्रुव सोयी ने कहा, ‘पहले कम्‍प्‍यूटर वायरस का इस्तेमाल केवल जासूसी के लिए किया जाता था लेकिन अब रणनीति बदल गई है।

वेदांता ने राजनीतिक पार्टियों को दिये 28 करोड़

माइनिंग समूह वेदांता रिर्सोसेज ने पिछले तीन साल में विभिन्न राजनीतिक दलों को करीब 28 करोड़ का चंदा दिया। अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ने 2011-12 की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी। ये पैसा किन राजनीतिक दलों को दिया गया,कंपनी ने इसका खुलासा नहीं किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2011-12 में राजनीतिक दलों को 2.01 मिलियन डॉलर का चंदा दिया गया। हालांकि यह पिछले साल के मुकाबले काफी कम है।

सोशल मीडिया से घबराई सरकार

सभी सरकारी विभागों के लिए दिशा-निर्देश जारी
केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि सार्वजनिक उपक्रमों समेत सभी सरकारी विभागों से जुड़े व्यक्ति सोशल वेबसाइटों पर "गोपनीय" तथा "अप्रमाणित" सूचना पोस्ट न करें।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ३8 पृष्ठों के दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि भारत में फेसबुक के 4 करोड़ तथा टि्‌वटर के 1.6 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। इसके कारण सोशल मीडिया जनमत बनाने तथा व्यापक जनसमर्थन जुटाने के लिए प्रभावशाली मंच बनकर उभरा है।

शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

सभ्रांत महिलाओं को हवस का शिकार बनाते MCX और BSE

मल्‍टी कमॉडिटी एक्सचेंज यानि MCX और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानि BSE का अवैध कारोबार अब केवल पुरुषों की आर्थिक बर्बादी तक सीमित नहीं रहा, अब इसके जरिये सभ्रांत परिवार की ऐसी महिलाओं को भी अपने जाल में फंसाकर पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों एवं MCX व BSE के बड़े कारोबारियों की हवस का शिकार बनाया जा रहा है जो अपने स्‍तर पर आसान तरीके से तथा जल्‍दी पैसा कमाने की चाहत रखती हैं।
सोलह कला अवतार श्रीकृष्‍ण की जन्‍मभूमि के रूप में विश्‍व के पटल पर अपनी एक अलग पहचान रखने वाला धार्मिक जनपद मथुरा इस अवैध कारोबार का बड़ा ठिकाना बन चुका है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से संरक्षण प्राप्‍त होने के कारण आज तक इस अवैध कारोबार की कोई बड़ी मछली कानून के शिकंजे में नहीं आ सकी जबकि इसके कारण कई युवक मौत के आगोश में समा चुके हैं।

CAG की रिपोर्ट में PM की ईमानदारी पर सवाल

मनमोहन सरकार पर सीएजी का ग्रहण लगा हुआ है। टेलीकॉम घोटाला हो या कॉमनवेल्थ घोटाला, इनका खुलासा सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट से ही हुआ था। अब बारी कोयला खदानों के आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट पर है। ये रिपोर्ट औपचारिक तौर पर तो आज संसद में पेश होगी लेकिन इसका ड्राफ्ट पहले ही लीक हो गया था।

गुरुवार, 16 अगस्त 2012

देश को संबोधन या चुनाव की तैयारी ?

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित करते हुए उन मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जो सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां बन गए हैं, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि उन्होंने इन चुनौतियों का समाधान देने के बजाय विपक्षी दलों के सिर ठीकरा फोड़ दिया.
दरअसल मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा कि विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक सर्वसम्मति न बन पाने की वजह से आर्थिक विकास की गति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आर्थिक विकास की गति नहीं बढ़ी, निवेश को बढ़ावा नहीं दिया गया और सरकारी राजकोष का ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया तो उसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बुरा असर पड़ेगा.

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

बात निकली है तो दूर तलक जायेगी ही

दो दिन पहले एक टीवी चैनल पर टीम अन्‍ना के अनशन और स्‍वामी रामदेव के आंदोलन को लेकर बहस का कार्यक्रम चल रहा था। इस बहस में गांधीजी के वंशज तुषार गांधी सहित कई प्रमुख लोग भाग ले रहे थे। कांग्रेस की ओर से राशिद अल्‍वी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल किया गया था।
कांग्रेस के प्रवक्‍ता की हैसियत से राशिद अल्‍वी का तर्क यह था कि जैसा समाज होगा, वैसे ही नेता होंगे क्‍योंकि नेता भी उसी समाज से आते हैं।

बुधवार, 8 अगस्त 2012

सब कुछ दिखावा: तेरा जन्‍म भी, जन्‍मोत्‍सव भी

हे श्रीकृष्‍ण ! यदि वास्‍तव में तुम कभी अवतरित हुए थे, तुमने कभी महाभारत युद्ध का नेतृत्‍व करते हुए अपने सखा अर्जुन को अपने ही बंधु-बांधवों के खिलाफ गांडीव उठाने के लिए इसलिए प्रेरित किया था क्‍योंकि वह अनाचार व अत्‍याचारों के पर्याय बन चुके थे तो आज तुम कहां हो ? 
 एक और कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी आ चुकी है । फिर एक बार मंदिर सजेंगे । मंदिरों के साथ-साथ घर-घर और गली-गली बधाई गीत गाये जायेंगे । नंदोत्‍सव होगा ।
हम भारतवासी उत्‍सव प्रेमी हैं इसलिए जन्‍म से लेकर मृत्‍यु के बाद तक विभिन्‍न रूपों में उत्‍सव मनाते चले आये हैं । मनाने भी चाहिए क्‍योंकि उत्‍सव ही लोगों के जीवन में उल्‍लास व उत्‍साह पैदा करते हैं । उत्‍सव ही लोगों को तनाव मुक्‍त करने तथा मेल-मिलाप का माध्‍यम बनते हैं ।नि:संदेह आज का समाज उत्‍सवों के आयोजन पर पहले से कहीं अधिक पैसा खर्च करने लगा है । पहले से कहीं अधिक भव्‍य उत्‍सव आज होते हैं । धार्मिक उत्‍सव भी स्‍टेटस सिंबल बन चुके हैं और इस दिखावे से वो स्‍थान तक अछूता नहीं रहा जिसे लोग श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान के रूप में पहचानते हैं । यानि श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि ।

रविवार, 5 अगस्त 2012

माननीयों के लिए कानून ताक पर

आम आदमी पर आपराधिक आरोप हो तो उसे हथियार मिलना तो दूर लाइसेंस भी नहीं मिलता लेकिन सांसदों के मामले में ऐसा नहीं है।
साल 2001 से 2012 के बीच 82 सांसदों ने सरकार से बंदूकें खरीदीं। इनमें से 18 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। आरटीआई के जरिए यह जानकारी मिली है।

आरटीआई एक्टिविस्ट अंबरीश पांडे ने सांसदों के बंदूकें खरीदने की जानकारी मांगी थी। इसके मुताबिक बंदूक पाने वाले सांसदों में यूपी के अतीक अहमद पर 44 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास के छह-छह मामले हैं। उन्हें भी सरकारी बंदूकें बेच दी गईं।
कस्टम विभाग से मिले

शुक्रवार, 3 अगस्त 2012

कसौटी पर कौन...टीम अन्‍ना या मीडिया ?

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
बुद्धिजीवी होने का भ्रम पाल लेने वाले पत्रकारों की जमात इस बार अन्‍ना और उनकी टीम के आंदोलन पर लगातार सवालिया निशान लगा रही है। इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े लोग विशेष रूप से सवालों की बौछार कर रहे हैं ।
इनके सवाल अपने-अपने चैनलों पर तो तथाकथित शालीनता के दायरे में होते हैं पर फेसबुक व टि्वटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स और वेब पोर्टल्‍स पर वह शालीनता लगभग गायब मिलती है । वहां यह तबका भी वही आचरण करता है जो जनसामान्‍य कहने वाला वर्ग कर रहा है ।

बुधवार, 1 अगस्त 2012

जन-लोकपाल नहीं, लोकपाल कहिए

रकार ''लोकपाल'' की बात तो करती है पर ''जन-लोकपाल'' का जिक्र तक उसे नागवार गुजरता है क्‍योंकि उसके साथ ''जन'' जो जोड़ दिया गया है।
धारावाहिक उपनिषद गंगा के 12 वें भाग में धनंजय नामक श्रेष्‍ठी कोटिकर्ण (करोड़पति व्‍यापारी) गंगा के घाट पर खड़े होकर कहता है कि कोई याचक बच गया हो तो वह भी मांग ले। है कोई और याचक यहां ?
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