बुधवार, 19 दिसंबर 2012

पुलिस ही बेचती है नक्सलियों को हथियार

नक्सली आंदोलन पर लिखी गई एक किताब में एक नक्सली नेता के बयान से दावा किया गया है कि पुलिस वाले न सिर्फ नक्सलियों को हथियार बेचते हैं बल्कि गोला बारूद तक देते हैं.
पेंगुइन प्रकाशन से हिन्दी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित किताब ‘उसका नाम वासु नहीं’ में वरिष्ठ पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी ने नक्सलियों के सांगठनिक ढाँचे और उसकी आर्थिक-सामरिक व्यवस्था के बारे में भी विस्तार पूर्वक लिखा है.
इस किताब में लिखा गया है कि किस तरह से नक्सलियों के ख़िलाफ़ चलाए गए कथित जन आंदोलन सलवा जुड़ूम की योजना लालकृष्ण आडवाणी के गृहमंत्री रहते हुए दिल्ली में बनी थी.
इसमें नक्सली नेताओं के हवाले से कहा गया है कि देशद्रोह का मुक़द्दमा झेल रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता विनायक सेन नक्सलियों के संदेशवाहक थे.
इस किताब का आज दिल्ली में विमोचन होने जा रहा है.
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