गुरुवार, 7 मार्च 2013

यमुना रक्षक दल से मिलने पर मजबूर हुये केन्‍द्र के नुमाइंदे

संत जयकृष्‍ण दास के नेतृत्‍व में यमुना को मुक्‍त कराने के लिए मथुरा-वृंदावन से 01 मार्च को शुरू हुई पदयात्रा जैसे-जैसे दिल्‍ली के नजदीक पहुंच रही है, वैसे-वैसे केन्‍द्र सरकार के नुमाइंदों की भी सक्रियता बढ़ने लगी है।
यमुना रक्षक दल के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष संत जयकृष्‍ण दास एवं उपाध्‍यक्ष एडवोकेट राकेश यादव ने 'लीजेण्‍ड न्‍यूज़' को बताया कि आज यमुना रक्षक दल की कोर कमेटी पर्यावरण और जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने पड़ाव स्‍थल पलवल (हरियाणा) के पृथला में मुलाकात की।
राकेश यादव के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय से आये एडिशनल सेक्रेट्री शशि शेखर, डायरेक्‍टर सेंथिल तथा डिप्‍टी डायरेक्‍टर संजय सिंह और जल संसाधन मंत्रालय के कमिश्‍नर एम के माथुर ने यमुना रक्षक दल के लोगों से पूछा कि उनकी प्रमुख मांगें क्‍या-क्‍या हैं।

TRP के खेल की शिकार यमुना पदयात्रा

लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष-
नदियां सिर्फ जल का प्रवाह मात्र नहीं होतीं। वह सभ्‍यता, संस्‍कृति, धर्म और आध्‍यात्‍म की वाहक भी होती हैं।
इसके अलावा उनके कारण न केवल प्राणी मात्र को जीवन मिलता है बल्‍कि प्रकृति के जड़ और चेतन तत्‍व का अस्‍तित्‍व भी उन्‍हीं पर टिका है।

इतना सब-कुछ होने के बावजूद हम नदियों को पूरी तरह नष्‍ट व भ्रष्‍ट करने पर आमादा हैं। देश की पहचान और प्रमुख जीवनदायिनी नदियों में शुमार गंगा व यमुना आज बदहाल हैं।
कहने को वर्षों पहले गंगा एक्‍शन प्‍लान और यमुना एक्‍शन प्‍लान इस मकसद से बनाये गये थे ताकि इन नदियों को प्रदूषण मुक्‍त करके इनकी निर्मलता बरकरार रखी जा सके परंतु सब-कुछ बेनतीजा रहा।
अब तो ऐसा लगता है कि जो प्‍लान बनाये गये थे, वह गंगा-यमुना की प्रदूषण मुक्‍ति के प्‍लान न होकर भ्रष्‍टाचार के 'प्‍लान' थे क्‍योंकि इनकी आड़ में हजारों करोड़ रुपया डकारा जा चुका है।
यूं तो विभिन्‍न स्‍तर पर गंगा-यमुना के लिए काफी समय से लड़ाइयां लड़ी जा रही हैं लेकिन फिलहाल यमुना की मुक्‍ति के लिए मथुरा-वृंदावन से दिल्‍ली तक शुरू की गई पदयात्रा चर्चा में है।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...