शनिवार, 16 मार्च 2013

POK याद दिलाने के लिए.. शुक्रिया अफजल!

गुरूवार (14 मार्च) और शुक्रवार (15 मार्च) के दिन भारतीय संदर्भ में काफी अहम हैं। अहम इसलिए कि इन दो दिनों में जो कुछ घटा, उसका सीधा ताल्‍लुक भारत और भारतवासियों के मान-सम्‍मान से है।
14 मार्च को पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पारित कर अफजल की फांसी की निंदा की गई, दूसरे शब्दों में कहें तो उसने भारतीय मामलों में सीधा-सीधा दखल करने की हिमाकत की।
पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का सुखद पहलू 15 मार्च को तब देखने में आया जब उसने हमारे देश की नेता बिरादरी के 'पुरुषत्व' को झकझोरा या ललकारा। ...और उसकी प्रतिक्रिया संसद में देखने को मिली। जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान के गैर कानूनी कब्जे वाले कश्मीर समेत जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
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