शुक्रवार, 29 मार्च 2013

दिवालिया होने को हैं मथुरा के कई एजुकेशनल ग्रुप

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
कभी केवल भांग, भजन, भोजन, द्वारिकाधीश, बिहारीजी और कृष्‍ण जन्‍मभूमि के लिए पहचाना जाने वाला विश्‍व प्रसिद्ध धार्मिक जनपद मथुरा जब देखते-देखते टेक्‍नीकल एजुकेशन के क्षेत्र में तेजी के साथ जगह बनाने लगा तब हो सकता है कि बहुत से लोगों को कोई खास आश्‍चर्य न हुआ हो लेकिन अब अगर यहां के कई नामचीन टेक्‍नीकल कॉलेज एकाएक दिवालिया हो जाएं तो शायद ही कोई आश्‍चर्यचकित हुए बिना रह पायेगा।
जी हां, चौंकिए मत। लीजेण्‍ड न्‍यूज़ के हाथ लगे दस्‍तावेज और विभिन्‍न सूत्रों से मिल रहीं अत्‍यंत भरोसेमंद जानकारियां कहती हैं कि कृष्‍ण की नगरी के कई बड़े टेक्‍नीकल इंस्‍टीट्यूट्स भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। ये इंस्‍टीट्यूट्स लगभग दिवालिया होने के कगार पर हैं।
बताया जाता है कि ऐसे इंस्‍टीट्यूट्स में वो ग्रुप भी शामिल हैं जिनसे मथुरा की एक अलग पहचान बन गई थी और जिन्‍हें खड़ा करने में करोड़ों नहीं, अरबों की संपत्‍ति लगी।

भारतीय व्यंजनों में रहस्यमयी मांस

लंदन। घर ले जाकर खाए जा सकने वाले कुछ भारतीय व्यंजनों में संदिग्ध मांस मिलने के साथ ही यूरोप में घोड़े के मांस पर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मांस ‘कुत्ते या बिल्ली’ का भी हो सकता है।
बीबीसी ने अपने वृत्तचित्र ‘हॉर्स मीट बैंक्वेट’ में यह खुलासा किया है कि भारतीय व्यंजन ‘तरी वाला मांस’ की जांच करने के बाद उसमें बकरे, मुर्गे, सूअर, भेड़, गाय या फिर घोड़े के मांस का भी निशान नहीं मिला है।
इसमें मानव मांस के उपयोग की आशंका को भी खारिज किया गया है। यहां बुधवार को प्रसारित हुए वृत्तचित्र के भाग के रूप में वैज्ञानिकों ने लंदन के कई जगहों से ‘घर ले जाकर खाए जाने वाले’ भोजन का परीक्षण किया था।
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