सोमवार, 6 मई 2013

अखिलेश सरकार को पंक्‍चर करता आगरा का बेनारा ग्रुप

(लीजेण्‍ड न्‍यूज़ विशेष)
युवा नेता अखिलेश यादव के चेहरे को कैश करके उत्‍तर प्रदेश की सत्‍ता पर काबिज हुई समाजवादी पार्टी अब 2014 के लोकसभा चुनावों में ऐसे ही किसी चमत्‍कार की उम्‍मीद भले ही पाले बैठी हो और उसके मुखिया मुलायम सिंह की नजर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर लगी हो लेकिन लगता है कि प्रदेश की 'नौकरशाही' ने उनकी इस महत्‍वाकांक्षा को पूरा न होने देने की कसम खा ली है।
मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ही नहीं खुद सपा मुखिया भी बेशक नौकरशाहों को उनकी कारगुजारियों के लिए कई मर्तबा चेतावनी दे चुके हैं पर ठोस कार्यवाही के अभाव में अब तक सारी चेतावनियां बेनतीजा साबित हुई हैं और उसका संदेश जनता के बीच अच्‍छा नहीं जा रहा।
ऐसे में सपा मुखिया का  सपना पूरा होना तो दूर, प्रदेश पर नियंत्रण रख पाना भी दिन-प्रतिदिन मुश्‍किल होता जायेगा।
अखिलेश यादव के नेतृत्‍व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार को नौकरशाहों का एक वर्ग किस तरह सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूरी तरह फ्लॉप साबित करने पर तुला है, इसका प्रत्‍यक्ष उदाहरण है आगरा में आवास-विकास परिषद् की जमीन को कब्‍जाकर 'बेनारा इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर्स डेवलपमेंट प्रा. लि.' द्वारा 'पंचशील सुपर लग्‍जरी आवासीय प्रोजेक्‍ट' खड़ा करना और प्रदेश के अपर आवास आयुक्‍त एवं सचिव द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्‍काल कठोर कार्यवाही किये जाने संबधी पत्र बार-बार लिखने के बावजूद आगरा के पुलिस-प्रशासन की ओर से आज तक न तो कोई कार्यवाही किया जाना तथा ना ही अवैध प्रोजेक्‍ट के निर्माण कार्य पर रोक लगवाना।

महेश से पुराना हिसाब बराबर किया है सिन्‍हा ने

नई दिल्ली । बीजेपी ने रंजीत सिन्हा को सीबीआई का डायरेक्टर बनाए जाने का पुरजोर विरोध किया था और सरकार ने इसे दरकिनार करते हुए उन्हें इस पद पर बैठाया था। तब सरकार को इस बात का तनिक भी अंदाजा नहीं था कि यही रंजीत सिन्हा उसके गले की फांस बन जाएंगे। जहां कोयला घोटाले की जांच के मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद सरकार की सारी पोल खोल डाली, वहीं महेश कुमार से पुरानी अदावत का हिसाब चुकान के लिए रेल मंत्री पवल बंसल तक को मुश्किल में डाल दिया।

कालेधन को सफेद करने का खेल सरकारी बैंकों में भी

नई दिल्‍ली। इस साल मार्च में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के खिलाफ कथित रूप में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा करने के बाद खोजी साइट कोबरा पोस्ट ने कुछ और बैंकों व इंश्योरेंस कंपनियों पर काला धन को सफेद करने के कारोबार में शामिल होने का दावा किया है।
स्टिंग ऑपरेशन 'रेड स्पाइडर 2' के जरिए कोबरा पोस्ट ने दावा किया कि उसके पास 23 बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के सबूत हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये विडियो दिखाए भी गए।
स्टिंग ऑपरेशनों के जरिए कई सनसनीखेज खुलासा कर चुकी कोबरा पोस्ट का दावा है कि ब्लैक मनी को वाइट बनाने का धंधा हमारे बैंकिंग सिस्टम में समानांतर रूप से चल रहा है और यह रोग सिर्फ प्राइवेट सेक्टर के फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन्स में नहीं है। कोबरा पोस्ट के अंडरकवर रिपोर्टर करीब छह महीने तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की खाक छानते रहे।

पूरा एक पैरा गायब कराया था कानून मंत्री ने: CBI

नई दिल्ली। कोयला घोटाले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह कहकर सरकार की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय ने घोटाले की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट में बदलाव कराए गए। एजेंसी ने कानून मंत्रालय और एटॉर्नी जनरल पर भी सवाल उठाए हैं।
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में 9 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें शीर्ष अदालत द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब हैं। दूसरी ओर सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं। हालांकि सरकार इससे डरी हुई नजर आ रही है।
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