बुधवार, 8 मई 2013

रेल रिश्‍वत कांड: डागा बनेंगे सरकारी गवाह

नई दिल्‍ली । रेलवे घूस कांड की जांच में सीबीआई को अहम् सफलता मिली है। घोटाले के एक आरोपी सुशील डागा को जांच एजेंसी सरकारी गवाह बनाने की तैयारी में है। जांच में डागा के सहयोग को देखते हुए सीबीआई ने उसे गिरफ्तार न करने का फैसला किया है।
डागा उन तीन बिचौलियों में शामिल है, जो महेश कुमार के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत देने वाले नारायणराव मंजूनाथ और रेलमंत्री के भांजे विजय सिंगला के साथ सीधे संपर्क में था। वहीं आरोपी महेश कुमार की रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्ति से संबंधित सारी फाइलें सीबीआई ने कब्जे में ले ली है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ और फाइलों की जांच के बाद ही रेलमंत्री पवन बंसल से पूछताछ का फैसला लिया जाएगा।
सुशील डागा से सोमवार को सीबीआई मुख्यालय में लंबी पूछताछ हुई। शुरू में डागा ने जांच अधिकारियों को बरगलाने की कोशिश की लेकिन गिरफ्तारी की नौबत आने के बाद वह सच्चाई बताने के लिए तैयार हो गया।

PM को बचाने के लिए ही बदली गई 'कोलगेट' रिपोर्ट

नई दिल्‍ली। कोयला घोटाले में सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के हलफनामे में सरकार की पोल खुलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज इसकी अहम सुनवाई होगी। अब यह साफ हो चुका है कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार, पीएमओ और कोयला मंत्रियों के अधिकारियों ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट में बदलाव करवाए थे। जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुआई वाली तीन सदस्यीय बेंच छह मई को दाखिल सीबीआई के दूसरे हलफनामे पर गौर करेगी। इसमें बताया गया है कि जांच रिपोर्ट में क्या बदलाव हुए और किसके कहने पर किए गए।
सीबीआई के हलफनामे से पता चलता है कि जांच रिपोर्ट से कानून मंत्री और अधिकारियों ने 2006 से 2009 के दौरान कोयला ब्लॉक आवंटन में बरती गईं अनियमितता से जुड़े हिस्से हटाए। इसका मकसद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कठघरे में लाने से बचाना है, क्योंकि उस दौरान कोयला मंत्रालय भी प्रधानमंत्री के पास ही था।
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...