बुधवार, 5 जून 2013

धोनी का 'कॉरपोरेट चेहरा' हैं 'साक्षी'

आम्रपाली रि‍यल इस्‍टेट कंपनी में 25 फीसद के हि‍स्‍सेदार हैं साक्षी-माही
साक्षी-धोनी कई अन्‍य कंपनि‍यों के भी हैं डायरेक्‍टर

पहले श्रीलंका और अब ऑस्‍ट्रेलिया को हरा कर खुशी मना रहे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी का कारोबारी दायर और ज्‍यादा फैला होने की खबरें आ रही हैं। आईपीएल में स्‍पॉट फिक्सिंग की जांच तेज होने के समानांतर धोनी का 'कॉरपोरेट चेहरा' भी लगातार सामने आ रहा है।
जब महेंद्र सिंह धोनी का कैरि‍यर लंबी छलांग लगा रहा था, उनके व्‍यापारि‍क हि‍त भी उसी तरह से बढ़ रहे थे। माना जाता है कि अपने तेजी से बढ़ रहे साम्राज्‍य के लि‍ए धोनी ने अपनी पत्‍नी साक्षी को कुछ कंपनीज में हि‍स्‍सेदार बनाया। कंपनी मामलों के मंत्रालय की
वेबसाइट बताती है कि साक्षी धोनी कई कंपनि‍यों की डायरेक्‍टर भी हैं। वह आम्रपाली रि‍यल इस्‍टेट कंपनी में 25 फीसद की हि‍स्‍सेदार हैं। उनकी हि‍स्‍सेदारी वाली फर्म का नाम आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लि‍मि‍टेड है जि‍समें धोनी के नि‍कनेम माही का प्रयोग हुआ है। इसके साथ ही धोनी आम्रपाली के ब्रांड अंबेसडर हैं और उसके वि‍ज्ञापनों में भी खूब देखे जाते हैं। आम्रपाली की वेबसाइट खोलते ही धोनी दि‍खाई देते हैं।

हिमाकत: अगस्‍ता ने भारत से मांगे 2400 करोड़

नई दिल्ली। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मद्देनजर काली सूची में डाले जाने की संभावना को भांप रही एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्तावेस्टलैंड ने वित्त मंत्रालय से संपर्क कर करीब 2400 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है जिसे रक्षा मंत्रालय ने मामले में जांच लंबित होने के चलते रोक रखा है।
कंपनी ने वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भेजे पत्र में दलील दी है कि रक्षा मंत्रालय के साथ कुछ अनुबंध संबंधी कठिनाइयां हैं और भुगतान नहीं करना अनुबंध तोड़ने के समान है।
कंपनी ने कहा है कि भारतीय और इतालवी कानूनों के तहत न्याय के सिद्धांतों के अनुसार जब तक किसी व्यक्ति या संस्था का दोष साबित नहीं हो जाता तब तक उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मामले में दोनों देशों में जांच चल रही है।
अगस्तावेस्टलैंड के प्रबंध निदेशक जियाफ हून ने पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है, मैं आपको रक्षा मंत्रालय और अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल के बीच आईं अनुबंध संबंधी कठिनाइयों के संदर्भ में जानकारी मुहैया कराने के लिए पत्र लिख रहा हूं।
उन्होंने कहा, रक्षा मंत्रालय को न तो अनुबंध में और न ही इससे जुड़े भ्रष्टाचाररोधक करार में ऐसा कोई अधिकार मिलता है कि वह एकपक्षीय तरीके से अनुबंध को निलंबित कर दे या शर्तों के तहत बकाया भुगतान को रोक दे। हमें खेद है कि इस तरह की कार्रवाई अनुबंध तोड़ने के समान दिखाई देती है।
3600 करोड़ रुपए के सौदे में भारत ने करीब 30 प्रतिशत भुगतान कर दिया है, लेकिन सौदा अपने पक्ष में कराने के लिए 362 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी के आरोप में फिनमैकेनिका तथा अगस्ता के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की इतालवी जांचकर्ताओं द्वारा गिरफ्तारी के बाद बकाया धन रोक दिया गया।
सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोपों में मामला दर्ज किया और मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी तथा उनके तीन रिश्तेदारों से पूछताछ की।
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