सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

यात्रा करना पसंद नहीं, तब यात्राओं पर फूंके 650 करोड़

प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं पर वर्ष 2004 से लेकर अब तक 650 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री 15 बार विदेशी दौरों पर गए। हालांकि, प्रधानमंत्री को ज्यादा यात्रा करना पसंद नहीं है। प्रधानमंत्री कभी रात में हवाई यात्रा नहीं करते, ज्यादा खाना नहीं खाते और यात्रा के दौरान उन्हें पढ़ना काफी पसंद है। उनके पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश यात्रा के दौरान हवाई जहाज में बॉलीवुड फिल्में देखने के साथ झींगा मछली खाना पसंद था लेकिन इस सबके बावजूद डॉक्टर सिंह ने विदेश यात्राओं पर खर्च का रिकॉर्ड बनाया है।
विदेश यात्राओं को लेकर डॉक्टर सिंह वाजपेयी और अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों से आगे निकल गए हैं। यात्राओं को लेकर उन्हें "अनिवासी प्रधानमंत्री" का "खिताब" भी मिल गया है। वर्ष 2004 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से वे अब तक 70 विदेशी यात्राएं कर चुके हैं और इन पर करीब 650 करोड़ रुपए का खर्चा हो चुका है।
अपने दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री 36 विदेशी यात्राएं कर चुके हैं। रविवार को 37वीं बार वे रूस और चीन की पांच दिन की यात्रा पर रवाना हो गए।

जरूरी नहीं कि हस्ताक्षर करने से पहले PM हर पेज पढ़ें

नई दिल्ली 
ओडिशा में हिंडाल्को को आवंटित एक कोयला ब्लॉक के मामले में कथित तौर पर अनियमितताओं को लेकर प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हस्ताक्षर करने से पहले प्रधानमंत्री फाइल के हर पन्ने को बारीकी से पढ़ें।
खुर्शीद ने कहा कि जब कोई फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) आती है, तो उसका अध्ययन करने के बाद कार्यालय उसे प्रधानमंत्री के पास भेज देता है। आपको क्‍या लगता है कि हस्ताक्षर करने से पहले पीएम हर पन्ने को पढ़ा करें। मैं भी मंत्री हूं। अगर ऎसे काम होने लगा तो हम कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि इसमें कोई षड्यंत्र नहीं है। हमनें एक फाइल रखी और उस पर फैसला ले लिया। गौरतलब है कि खुर्शीद का यह बयान पीएमओ के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें ओडिशा में हिंडाल्को को आवंटित एक कोयला ब्लॉक का बचाव किया गया है। शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सरकार के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा कि यह "यह पूरी तरह उपयुक्त" और योग्यता पर आधारित था।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री इस बात से संतुष्ट हैं कि इस संबंध में लिया गया अंतिम निर्णय पूरी तरह उचित था और उनके सामने रखे गए मामलों में योग्यता पर आधारित था।
हिंडाल्को को तालाबीरा कोयला ब्लॉक आवंटन पर चुप्पी तोड़ते हुए पीएमओ ने स्वीकार किया कि अंतिम निर्णय अनुवीक्षण समिति की सिफारिश से भिन्न था लेकिन यह निर्णय एक पक्ष की ओर से आई प्रस्तुति के बाद लिया गया था, जिसे कोयला मंत्रालय को भेज दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने पूर्व कोयला सचिव प्रकाश चंद्र पारख और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ दो कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता और आपराधिक साजिश के आरोपी प्राथमिकी दर्ज की है।
पारख ने कहा है कि 2005 में ओडिशा में दोनों कोयला ब्लॉक आवंटन का निर्णय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लिया था। इसी आवंटन को लेकर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है।
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सीबीआई की जारी जांच में कोई बाधा नहीं डाली जा रही है। बयान में कहा गया है, इस मामले की जांच और अन्य मामले कानून के मुताबिक स्वाभाविक रूप में चलने चाहिए।
-एजेंसी

लखनऊ में बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़

 नवाबों का शहर कहा जाने वाला लखनऊ सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में उभरा है। सर्विलांस सेल की टीम ने यहां के मडियांव क्षेत्र के एक आलीशान बंगले में छापा मारकर हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ किया है। सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ होने पर पता चला कि ऎसी लड़कियां जो नाबालिग होने के साथ-साथ जिनकी उम्र मात्र 12 साल है, को भी इस धंधे में शामिल होना पाया गया।
यह सेक्स रैकेट एक महिला चला रही थी जो कि खुद भी एक सेक्स वर्कर थी और पहले भी इस मामले में कई बार गिरफ्तार हो चुकी है। छापे में सेक्स रैकट संचालिका इस महिला समेत 7 कॉलगर्ल तथा 8 ग्राहकों गिरफ्तार किए गए। इनके साथ-साथ कमरों की तलाशी लेने पर ढेरों आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं जिनमें अश्लील साहित्य तथा शराब भी शामिल थी।
बताया गया है कि द एलाएंस नाम के एनजीओ की सूचना पर सर्विलांस सेल के प्रभारी नागेन्द्र चौबे तथा सीओ अलीगंज अखिलेश नारायण सिंह की टीम ने इस बंगले पर छापा मारा।
इस आलीशान बंगले में एक तहखाना भी बना रखा था जहां विभिन्न स्थानों से खरीदी गई नाबालिग लड़कियों को बंधक बना रखा हुआ था। पकड़ी गई इन लड़कियों का कहना है कि उन्हें देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता था तथा यह महिला ग्राहकों से इसके लिए ऊंची कीमत वसूल करती थी।
पकड़ी गई इन नाबालिग लड़कियों में से दो तो सेक्स रैकेट संचालिका की बेटियां ही थीं। बाकी लड़कियां रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि से हैं।
इन्हीं लड़कियों में से एक का कहना है कि दो साल पहले जब वो 12 साल की थी, तब उसके पिता ने उसें महज 60 हजार बेच दिया था। ये महिला खुद ग्राहकों के सामने अपने आपको पेश करके इन लड़कियों को सेक्स करने की ट्रेनिंग देती थी।
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