मंगलवार, 12 नवंबर 2013

कश्मीर मसले का हल बंदूक से ही संभव

श्रीनगर 
सुरक्षा एवं विदेश मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात के एक दिन बाद जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने आज कश्मीर मसले को लेकर एक बार फिर जहर उगला। जम्मू एवं कश्मीर पर अपने रुख को दोहराते हुए गिलानी ने कहा, ‘जम्मू एवं कश्मीर का स्थायी समाधान बंदूक से हो सकता है।’
रिपोर्टों के मुताबिक गिलानी ने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘ब्रिटीश शासन के खिलाफ जब भारत संघर्ष कर रहा था तो एक तरफ महात्मा गांधी का शांति का आंदोलन चल रहा था तो दूसरी ओर भगत सिंह थे जिन्होंने आजादी के लिए हिंसा के रास्ते को अपनाया। भारत आज भगत सिंह को शहीद के रूप में याद करता है।’
अलगाववादी नेता इसके पहले कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ कश्मीर समस्या का हल निकालने के लिए बंदूक स्थायी समाधान हो सकता है।
गौरतलब है कि गिलानी और जेकेएलएफ के अन्य नेताओं ने रविवार को नई दिल्ली में अजीज से मुलाकात की। इन नेताओं ने अजीज से भारत-पाक संबंध, एलओसी पर स्थिति सहित जम्मू एवं कश्मीर के ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा की।
इस बैठक को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बैठक को लेकर सरकार से सवाल किए।
-एजेंसी

तालिबान नेता से चिदंबरम की बातचीत पर मचा बवाल

नई दिल्‍ली 
अफगान तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल सलाम जईफ की वित्‍तमंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात पर विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज को जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों से मिलने देने और जईफ से वित्तमंत्री की मुलाकात की कड़ी आलोचना की। चिदंबरम के साथ रविववार को गोवा के एक कार्यक्रम में जईफ उनके साथ दिखे थे। तालिबान नेता के साथ चिदंबरम की मुलाकात सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है। सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर किस नीति के तहत जईफ को वीजा दिया गया। कहीं जईफ से चिदंबरम की बातचीत 2014 में अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना की वापसी से जुड़ी तो नहीं है।
माना जा रहा है कि अमेरिकी सैन्‍य वापसी के बाद तालिबान अफगानिस्‍तान की सत्‍ता के केंद्र में होगा। अफगान तालिबान का सरगना मुल्‍ला उमर इस संबंध में अफगान सरकार से सीधे संपर्क में है। पाकिस्‍तानी मीडिया में अफगान तालिबान के नंबर दो नेता मुल्‍ला अब्‍दुल गनी बारादर को तुर्की या सऊदी अरब भेजे जाने की चर्चा की है। बारादर को पाकिस्‍तान ने उस वक्‍त गिरफ्तार किया था, जब वह अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति हामिद करजई के साथ शांति वार्ता कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका के दबाव में पाकिस्‍तान बारादर को तुर्की या सऊदी अरब भेजने पर विचार कर रहा है।
अफगानिस्‍तान में तालिबान के शासन के दौरान जईफ पाकिस्‍तान में राजदूत रहे थे। जईफ को अफगान तालिबान के सरगना मुल्‍ला उमर का बेहद करीबी माना जाता है। अफगानिस्‍तान पर अमेरिकी हमले के बाद 2005 तक अमेरिका ने जईफ को गुआंतनामो बे जेल में रखा था। जईफ ने जेल में अमेरिका की ओर से दी गई यातनाओं पर एक किताब भी लिखी। शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र ने पहल की थी, जिसके तहत जईफ का नाम आतंकवादियों की लिस्ट से हटा लिया गया था।
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