सोमवार, 9 दिसंबर 2013

सेना के गोल्‍फ क्‍लबों में कराई जा रही हैं शादी और पार्टियां

नई दिल्ली। 
संसद की एक महत्वपूर्ण समिति ने सशस्त्र बलों के नियंत्रण वाले गोल्फ कोर्सों के भयंकर दुरुपयोग के लिए बलों की आज कड़ी आलोचना की और रक्षा मंत्रालय से रक्षा भूमि पर प्रतिबंधित गतिविधियों की जांच करने और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा। लोकसभा में पेश की गई लोक लेखा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि गोल्फ को एक सैन्य गतिविधि नहीं माना जा सकता है। समिति ने इस बात पर भी हैरानी जाहिर की है कि दिल्ली जैसी जगहों में ये गोल्फ क्लब विदेशी राजनयिकों तक को सदस्यता प्रदान कर रहे हैं।
रक्षा परिसंपदा पर पेश रिपोर्ट में समिति ने पाया है कि रक्षाकर्मियों के लिए बनाए गए क्लब और पार्कों का इस्तेमाल सामान्य नागरिकों द्वारा पार्टियों और शादी-ब्याह के लिए किया जा रहा है और इससे मिलने वाले शुल्क को सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया जा रहा है।
समिति ने कहा है कि समिति गोल्फ कोर्सों के दुरुपयोग की कड़ी आलोचना करती है और साथ ही गोल्फ कोर्सों के संबंध में पूरी नीति की समीक्षा करने और उपचारात्मक कार्यवाही करने की सिफारिश करती है ताकि रक्षाकर्मियों के लिए स्थापित इन सुविधाओं का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग न हो।
समिति ने रक्षा मंत्रालय से गोल्फ कोर्सों, सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पर्यावरणीय पार्कों, क्लबों की सदस्यता और उससे मिलने वाली वार्षिक धनराशि और उसके लेखे-जोखे के संबंध में एक स्थिति पत्र पेश करने को भी कहा है।
समिति ने इस संबंध में सेना प्रमुख के 2004 के एक फैसले पर भी आश्चर्य जताया है जिसमें गोल्फ को एक खेल गतिविधि तथा गोल्फ कोर्सों का नामकरण आर्मी एनवायरमेंटल पार्क एंड ट्रेनिंग एरिया के रूप में घोषित किया गया था।
-एजेंसी
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