गुरुवार, 2 जनवरी 2014

केंद्रीय गृहमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से चल रहा था सिमी का अड्डा

नई दिल्‍ली। 
महाराष्ट्र के सोलापुर में प्रतिबंधित संगठन सिमी के मॉडयूल का खुलासा होने के बाद खुफिया एजेंसियां परेशान है। परेशान इसलिए है क्योंकि सोलापुर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का निर्वाचन क्षेत्र है। मध्य प्रदेश पुलिस ने 25 दिसंबर को सिमी के पांच संदिग्धो को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 31 दिसंबर को चार और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। खुफिया एजेंसियां इनके सोलापुर से लिंक को नजदीकी से ट्रेक कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इन्होंने अपने ठिकाने पर भारी मात्रा में विस्फोटक जमा कर रखा था।
यह ठिकाना उस स्थान से नजदीक था जहां शिंदे पिछले हफ्ते दौरे पर जाने वाले थे। दो लोगों को सोलापुर से गिरफ्तार किया गया था जबकि एक्टिविस्ट शहर का रहने वाला था। इससे संदेह पैदा होता है कि प्रतिबंधित संगठन वहां अपना ठिकाना बना रहा था। सूत्रों के मुताबिक संदिग्ध शिंदे को निशाना बनाने की कोशिश में थे। सूत्रों के मुताबिक शिंदे नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाते रहते हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले भी शिंदे सोलापुर के क्षेत्रों में जाएंगे। 25 दिसंबर को सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ते ने सोलापुर के निवासी खालिद अहमद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें अबू फैजल शामिल था,जो खंडवा में जेल तोड़ने का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। अहमद से पूछताछ के बाद सोलापुर से दो और गिरफ्तारियां हुई थी। इनकी पहचान सादिक और उमर हाफिज के रूप में हुई थी।
जांचकर्ताओं के मुताबिक संदिग्धों को सोलापुर में स्थित ठिकाने से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। जिस मकान में ये संदिग्ध छिपे हुए थे वहां से 100 डेटोनेटर.70 जिलेटिन की छडियां और तीन जिंदा बम बरामद हुए थे। सूत्रों के मुताबिक मॉडयूल के लीडर अबू फैजल के तहरीक ए तालिबान ऑफ पाकिस्तान से संबंध है। फैजल तालिबान के कुछ नेताओं के संपर्क में था,जो कसाब को दी गई फांसी का बदला लेने के लिए बड़ी हस्तियों का निशाना बनाना चाहते थे।
-एजेंसी

वहां दंगा पीड़ित खदेड़े जा रहे थे, यहां हो रही थी आतिशबाजी

लखनऊ। 
उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक तरफ जहां दंगा पीडि़तों को कड़कड़ाती ठंड के बीच राहत शिविरों से खदेड़ दिया गया, वहीं प्रदेश सरकार ने सैफई में महोत्‍सव नए साल पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। मंगलवार रात नए साल के स्‍वागत में सैफर्इ महोत्‍सव के दौरान करीब 1 करोड़ रुपए की आतिशबाजी की गई। यही नहीं, नए साल के कार्यक्रम में बॉलीवुड सिंगर जावेद अली और कॉमेडियन राजू श्रीवास्‍तव को भी बुलाया गया था। इनके अलावा लोगों के मनोरंजन के लिए काफी संख्‍या में मुंबई से कलाकारों को भी बुलाया गया था।
इससे पहले सैफई महोत्‍सव की शुरूआत में प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर नाच-गाने का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड की कई मशहूर हस्तियों ने शिरकत की थी। उस समय महोत्‍सव में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, उनके बेटे और प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव अपने परिवार के साथ मौजूद थे। इटावा जिले में मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में 26 दिसंबर से शुरू हुआ यह महोत्‍सव 14 जनवरी तक चलेगा। इस महोत्‍सव में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव सोमवार शाम तक रहे।
इस सर्द भरे मौसम में सरकार इन पीडि़तों को कैम्‍पों से हटाकर उन्‍हें उनके मूलनिवास स्‍थान पहुंचा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के 483 पीड़ितों को राहत कैम्प से हटा दिया है। उन्हें प्रभावित इलाके की खाली पड़ी इमारतों में शिफ्ट कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर जिले में अब कोई और राहत शिविर नहीं शेष बचा है जबकि पड़ोसी शामली में चार शिविर हैं। जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा के अनुसार, दिन में 420 परिवारों को यहां से भेजा गया जबकि शेष 63 परिवारों को शाम को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव प्रवीण कुमार ने भी शिविरों का दौरा किया। कुमार शामली के चार शिविरों में गए और यहां चिकित्सा सुविधाओं से जुड़ी व्यवस्था का जायजा लिया। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि यहां से जाने वाले परिवारों को 10 दिनों का राशन प्रदान किया गया। इसके साथ ही इन्हें चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। अगस्त में दंगा भड़कने के बाद से लोई के राहत शिविरों में 510 परिवार रह रहे हैं।
गौरतलब है कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुजफ्फरनगर और उसके आसपास हुए दंगों में 225 लोगों के विरुद्ध चार्जशीट पेश की है। एसआईटी का गठन उत्‍तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों की जांच के लिए किया था। एसआईटी एडिशनल एसपी मनोज झा ने बताया कि दंगों के 28 मामलों में 225 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है जबकि अन्य मामलों में 28 शिकायतों का पता नहीं लगाया जा सका है।
-एजेंसी
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